RBI Monetary Policy Committee Report Update 2024

      
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RBI Monetary Policy Committee Report: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार नौवीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। RBI ने ब्याज दरों में कोई भी बदलाव ना करते हुये 6.5% पर ही स्थिर रखा है। जिसका सीध सा मतलब हैं, कि लोन महंगे नहीं होंगे और ना ही आपकी EMI बढ़ेगी। RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं।

6 अगस्त से चल रही monitory policy Committee (MPC) की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज गुरुवार को दी। ये meeting हर 2 माह में आयोजित होती है। RBI ने इससे पहले जून में हुई बैठक में ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी।

RBI Monetary Policy Committee Report
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RBI Monetary Policy Committee Report: MPC में कितने सदस्य

RBI Monetary Policy Committee Report
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RBI की MPC में 6 सदस्य हैं। इसमें बाहरी और RBI अधिकारी दोनों हैं। गवर्नर दास के साथ, RBI के अधिकारी राजीव रंजन, कार्यकारी निर्देशक के रूप में कार्यरत हैं और माइकल देबब्रत पात्रा डिप्टी गवर्नर हैं। शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य हैं।

RBI Monetary Policy Committee Report: RBI गवर्नर की 5 बड़ी बातें

चेक अब कुछ ही घंटों में क्लियर होंगे:-

  • भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने के लिए 4-2 बहुमत से मतदान किया। कमेटी ने अपने ‘Withdrawal of Accommodation ‘ (सिस्टम में पैसे की सप्लाई कम रखना) रुख को मेंटेन रखने का भी फैसला लिया है।
  • RBI Governor ने कहा – महंगाई कम हो रही है, लेकिन यह progress धीमी और असमान है। भारत की महंगाई और growth Trajectory संतुलित तरीके से आगे बढ़ रही है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहना महत्वपूर्ण है कि महंगाई टारगेट के अनुरूप हो।
  • MPC ऊंची महंगाई को नजरअंदाज कर सकती है यदि यह अस्थायी है, लेकिन इसके संभावित होने वाले प्रभावों के कारण लगातार ऊंची महंगाई को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जनता महंगाई को मुख्य रूप से खाद्य कीमतों के चश्मे से देखती है।
  • RBI ने unauthorized Platform से जुड़े issue से निपटने के लिए digital landing प्रदान वाले apps के लिए एक public repository स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। विनियमित संस्थाओं को अपने digital loan apps की report RBI को देनी होगी।
  • UPI -based Tax payment के लिये transaction की लिमिट 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए per  Transaction कर दी गई है।

RBI Monetary Policy Committee Report: एक दिन में अब Clear होगा Check

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि Check clearing का समय घटाया जाएगा। check जमा होने के कुछ घंटे में ही अब check clear हो जायेगा। वर्तमान में इस प्रक्रिया में 2 दिनों का समय लगता हैं।

वर्तमान में check transition system में पहले check scan होता हैं, प्रस्तुत होता हैं, फिर पास होता हैं। RBI जल्द ही नये system हेतु guideline जारी करेगा।

RBI Monetary Policy Committee Report: महंगाई से लड़ने का शक्तिशाली Tool हैं, Repo rate

RBI Monetary Policy Committee Report
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RBI के पास Repo rate के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI Repo rate बढ़ाकर economy में money flow को कम करने की कोशिश करता है। Repo rate ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा।

बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए loan महंगा कर देते हैं। इससे economy में money flow कम होता है।और money flow कम होता है तो demond में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।

इसी तरह जब economy बुरे दौर से गुजरती है तो recovery के लिए money Flow बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में RBI Repo rate कम कर देता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर loan प्राप्त हो जाता है।

RBI Monetary Policy Committee Report: जानिए महंगाई के आंकड़े क्या कहते हैं?

  1. जून में Retail महंगाई 5.08% रही थी
    जून में Retail महंगाई बढ़कर 5.08% पर पहुंच गई थी। यह महंगाई का 4 महीने का उच्चतम स्तर था। अप्रैल में महंगाई 4.85% रही थी। वहीं मई में महंगाई 4.75% रही थी। NSO ने 12 जुलाई को ये आंकड़े जारी किए थे। RBI की महंगाई को लेकर रेंज 2%-6% है।
  2. जून में थोक महंगाई 3.36% रही थी
    जून में थोक महंगाई 16 महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई थी। 15 जुलाई को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जून में थोक महंगाई बढ़कर 3.36% रही। फरवरी 2023 में थोक महंगाई दर 3.85% रही थी। खाद्य महंगाई मई के मुकाबले 7.40% से बढ़कर 8.68% हो गई।

RBI Monetary Policy Committee Report: महंगाई कैसे प्रभावित करती है?

महंगाई का सीधा संबंध Purchasing power से है। इसे हम एक उदाहरण के द्वारा समझ सकते हैं।, यदि महंगाई दर 7% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 93 रुपए होगा। इसलिए, महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की value कम हो जाएगी।

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